18 फ़रवरी 2011

किराया बढ़े पर सुविधाओं का हो विस्तार

इसी माह के अंत तक पेश होने वाले रेल बजट के मद्देनजर मैं रेल मंत्री ममता बनर्जी का ध्यान रेलवे में यात्री सुविधाओं की ओर दिलाना चाहुंगा। पिछले कई सालों से रेल मंत्री आमतौर पर यात्री किराये में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी न कर लोक लुभावन बजट पेश करने के मोह जाल में फंस जाते हैं जबकि फंड की कमी के चलते यात्री सुविधाएं बढ़ाने पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। यही कारण है कि रेलवे में यात्रियों के लिए सुविधाएं लगातार चरमराती जा रही है।

प्लेटफॉर्म पर पसरी गंदगी, बेतरतीब और पारंपरिक पूछताछ केंद्र, पीने योग्य पानी और अन्य जरूरी सुविधाओं का घोर अभाव और इसके अलावा लगातार बढ़ रहे असुरक्षा के मामले। ये सब स्थिति भारतीय रेल की दुर्दशा को बयां करने के लिए पर्याप्त है। सही समय पर रेलगाडिय़ों का अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचना तो अब यात्रियों को कभी-कभार ही नसीब हो पाता है। आमतौर पर इसके लिए मौसम या तकनीकी कारणों को जिम्मेदार ठहरा दिया जाता है। लेकिन इसके चलते यात्रियों को जो परेशानी होती है वह केवल विभाग द्वारा खेद प्रकट कर देने से खत्म नहीं हो जाती। इस बार के बजट में रेल मंत्री को अपना ध्यान पूरी तरह यात्री सुविधाओं को बढ़ाने पर केंद्रित करना चाहिए। इसके लिए अगर यात्री किराये में कुछ बढ़ोतरी भी की जाए तो मुझे नहीं लगता कि यात्री इसका विरोध करेंगे क्योंकि जिस अव्यवस्था के बीच फिलहाल वे रेल यात्रा करने के लिए मजबूर हैं उसके बदले अधिक किराया चुकाना वे ज्यादा मुनासीब समझेंगे।

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